झील सी आँखों में

By : डा. सूर्य प्रताप राव रेपल्ली
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About This Book

मेरे इस काव्य संग्रह का शीर्षक "झील सी आंखों में"  है। इस संग्रह में प्रेम, प्रकृति और जीवन की विभिन्न पहलुओं पर मेरी कुछ रचनाएं समाहित की गई हैं। मैंने इस काव्य संग्रह में उन भावनाओं को शब्दों में उतारने की कोशिश की है, जो हमें जीवन के हर मोड़ पर प्रभावित करती हैं। मेरे ये रचनाएं शायद उन पाठकों को कुछ निराश कर सकती हैं जो मेरे रचनाओं में तकनीकी रूप और साहित्यिक शब्दों और जागरूक कवि के शब्दों से मेरी रचनाओं को आंकलन करने का प्रयास करेंगे पर मेरी उनसे भी विनम्र अपील है कि कोई ग़लती हो तो उस पर ज़्यादा ध्यान देने की जगह उस रचना में छिपी हुई भाव को समझकर आनंदित महसूस करें।

क्यूंकि मैंने मेरी रचनाओं को आम जन के मन में रहने वाले और साधारण बोलचाल के शब्दों को प्राथमिकता देने की कोशिश की है, क्योंकि आम जन मानस अपने मन में और उसे ज्ञात चुनिंदा प्रचलित शब्दों की जानकारी के अनुसार ही रचनाओं को आंकलन कर आनंदित होना चाहता है ।

कविता केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह हमारी सोच और भावना का अभिव्यक्तिकरण है। यह हमारे अंतर्मन की गहराइयों में छिपे हुए भावनाओं को उजागर करती है। काव्य रचनाएँ हमें न केवल आनंदित करती हैं, बल्कि हमें विचार करने पर भी मजबूर करती हैं। वे हमें एक नई दृष्टि देती हैं, एक नया अनुभव प्रदान करती हैं।

मेरे इस काव्य संकलन में मेरे द्वारा प्रारंभ से आज तक लिखी हुई रचनाओं में से कुछ चुनी हुई रचनाओं की ही प्रस्तुति है|

             कविता, एक शब्द, जो कि साहित्य की एक ऐसी विधा है जो मन की गहराइयों से निकलकर दिल के भावनाओं से होकर शब्दों में ढालने का काम करती है। जब किसी कविता संग्रह का कार्य किया जाता है तो वह केवल एक पुस्तक के रूप में प्रकाशन ही  नहीं कर रहे होते, बल्कि हम उस सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान कर रहे होते हैं जिसे कवि ने अपने अनुभवों, विचारों, अपने दिल के किसी कोने में छिपी हुई उन संवेदनाओं के माध्यम से सृजित किया है।

कविता एक केवल हास्य या किसी के भावनाओं से ही जुड़ा हुआ नहीं होता, अपितु कविता के माध्यम से हम अपने समाज, संस्कृति और मानवता के विभिन्न पहलुओं को समझ सकते हैं। कविता ही है जिसके माध्यम से एक कवि जितनी सरलता से सहजता से एवं प्रभावशाली तरीके से अपनी शब्दों  को संजोकर प्रस्तुत कर सकता है वैसा कोई और माध्यम नहीं है|  कवि समाज का दर्पण होता है, जो अपने शब्दों के माध्यम से, सहज शब्दों से हमारे समय की सच्चाइयों को उजागर करता है। एक अच्छी कविता न केवल हमें आनंदित करती है, हंसाती है गुदगुदाती है बल्कि हमें सोचने पर भी मजबूर करती है। यह हमारी भावनाओं को संप्रेषित करने का एक अद्वितीय तरीका है और हमें आपस में एक दूसरे की भावनाओं से जोड़ने का कार्य करती है।

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